भारतीय पहचान पत्र क्योंः- वर्तमान में अगर देखा जाए, तो देश मे नागरिकता पहचान की पुष्टि का कोई पहचान पत्र नही है। जिससे किसी व्यक्ति की पुष्टि त्वरित रूप से किया जा सके।
हाल ही में बना आधार कार्ड भी नागरिकता की पुष्टि नही करता और न ही ऐसा कोई आधुनिक तकनीकी विकसित किया गया है, जिससे व्यक्ति के आर्थिक स्थिति को मापा जा सके।
हमने गरीबी रेखा का मानक बनाया है, उन्हें राशन कार्ड द्वारा सस्ते मूल्य पर खाद्य सामग्री देने का तंत्र भी विकसित किया। लेकिन इसका लाभ अमीर तबके के लोग भी उठा लेते है ।
हम अपने राजनीतिक फायदे के लिए बिना ठोस जानकारी के पैसों की लालच में किसी भी व्यक्ति की पुष्टि कर देते है और तो और हमारा सरकारी तंत्र भी सुविधा शुल्क लेकर तमाम प्रकार के प्रमाण पत्रों और लाइसेंस आदि की पुष्टि प्रदान कर देते है।
आज इतनी आधुकनिकता होने के बावजूद भी नागरिकता के पुष्टि का कोई ठोस मापदंड नही है और न ही जनसंख्या के आकड़ों के लिए भारत के पास कोई ठोस मापदंड है।
हम आंकड़ों को जन्म और मृत्यु दर के रजिस्ट्रेशन के आधार पर अनुमान लगाते है, तथा हर 10 वषों पर जनगणना के आधार पर जनसंख्या का मापदंड बनाते है।
हमे यह पता नही होता है कि देश के स्थानीय नेता वोट बैंक की राजनीति के कारण बाहरी व्यक्तियों की पुष्टि कर देते है।
इस तरह वे घुसपैठ करके दिन प्रतिदिन छुपे तौर पर फ़र्ज़ी पहचान पत्रों को बनवाने में भी सफल हो जाते है और वही एक न एक दिन फ़र्ज़ी प्रमाण से असली प्रमाण पत्रों को प्राप्त करने में भी सफल हो जाते है।
ऐसे लोग देश के नागरिक के रूप में अपनी जगह बनाने मे सफल हो रहे है। यह सब केवल पहचान प्रणाली की कमियों, निचले स्तर की राजनीति और भ्रष्ट तंत्र के कारण हो रहा हैं।
आज अगर देश भीतरी घात की मार से जूझ रहा है, तो इसका सबसे बड़ा कारण है, वर्तमान पहचान प्रणाली ।
भारतीय पहचान संख्या प्रणाली लागू होने से स्थानीय कर्मचारी और प्रतिनिधि द्वारा पहचान पत्रों और प्रमाण-पत्रों को बनाने की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। इस तरह फ़र्ज़ी पहचान पत्रों की स्थिति पूर्णतः समाप्त हो जायेगा और इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त हो सकेगा। इस प्रणाली में देश के प्रत्येक नागरिक का डाटा बैंक बनाया जाएगा, जो एक स्थायी आई-डी होगा। जो निम्नलिखित शर्तों के आधार पर बनाया जाएगा:-
भारतीय पहचान पत्र हेतु नियम एवं शर्तें:-
- भारत की पहली 1951 की जनगणना के आधार पर नागरिक की पहचान। १९५५ में नागरिकता का रजिस्ट्रेशन या जिनके पास पुस्तैनी मकान, ज़मीन हो, या रहें हो, और वर्तमान में न हो। वह भी देश का मूल निवासी है। परन्तु पुष्टि के लिए उसके पूर्वजों की कोई ना कोई अच-अचल सम्पत्ति का ब्यौरा होना अनिवार्य है। लेकिन इनमें से कोई दस्तावेज़ नहीं है, तो उसे भारत का नागरिक नहीं माना जायेगा।
- भारतीय नागरिक पहचान पुष्टि होने के उपरांत प्रत्येक व्यक्ति का ३ तरह से बायोमेट्रिक प्रो-फाइल बनाया जायेगा। जिसमे व्यक्ति का फ़िंगर, आई एवं फेस डाटा को आईडी के रूप में सुरक्षित करके सुरक्षित डाटा बैंक तैयार किया जायेगा। इससे जो आई-डी संख्या बनेगा वह संख्या भारतीय पहचान संख्या होगा ।
- देश में १९७१ के बाद जो भी लोग भारत में आये है और उन्होंने ज़मीन, खेत, मकान आदि सम्पत्ति बनाई है, उनकी पुष्टि की जाएगी। जो लोग भारत में लीगल तरीके से आये है और उनके द्वारा किसी प्रकार का देश विरोधी अपराध नहीं है। भारत के संविधान का पालन किया है, उन्हें नागरिकता श्रेणी में सम्मलित किया जायेगा। और जो लोग छुपे तौर पर आकर चल अचल सम्पत्ति बनाई है, उसे ज़ब्त करके उन्हें देश से बाहर किया जायेगा। जिससे देश में नागरिकता प्राप्त लोगों का आँकड़ा साफ हो सकेगा और फ़र्ज़ी नागरिकता पर रोक लग सकेगा ।
सरकार को आर्थिक बचत/पारदर्शिता का लाभ
- देश के प्रत्येक नागरिक को भारतीय पहचान संख्या दी जाएगी। जो भारत के नागरिकता की पुष्टि करेगा। जनसँख्या प्रतिदिन व्यक्ति के आर्थिक आधार पर स्पष्ट होगा।
- नागरिक पहचान की पुष्टि उपरांत यह पहचान संख्या दिया जायेगा। नागरिक स्वम् पुष्टि आधार पर, सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं को प्राप्त कर सकेगा और उनका आवेदन और रजिस्ट्रेशन कर सकेगा।
- यह पहचान संख्या बालक के जन्म होते ही बालक के माता पिता और डॉक्टर की पुष्टि उपरांत ही दिया जा सकेगा। इस पहचान संख्या द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा हेतु नागरिक पहचान पुष्टि कर पाना आसान होगा।
- भारतीय पहचान संख्या लागू होने पर नागरिक पहचान की पुष्टि करना आसान होगा। इस तरह सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाएं जैसे मतदाता कार्ड, राशनकार्ड, पासपोर्ट, वाहन लाइसेंस, पैनकार्ड एवं स्थाई निवास, जाति, आय, जन्म, मृत्यु प्रमाण-पत्र, आदि, व्यक्ति स्वयं पुष्टि द्वारा प्राप्त कर सकेगा। इस तरह सरकारी भस्ट्रचार समाप्त होगा और देश की जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- इस प्रणाली से देश के सभी नागरिकों के सही और स्पष्ट आंकड़े प्राप्त होंगे। जिससे सरकार उचित व्यक्ति को लाभ और सेवाएं प्रदान कर सकेगी। इस प्रकार सरकार देश के अंतिम व्यक्ति तक अपनी योजनाओं का लाभ दे सकेगी।
- प्रत्येक चुनाव से पहले नये पुराने परिसीमन में होने वाले खर्च को बचाया जा सकेगा। दो, तीन स्थानों पर पहचान-पत्र नहीं होंगे, तथा इनमें फर्जीवाड़ा जैसी स्थिति समाप्त होगी।
- नागरिक के 18 वर्ष पूर्ण होते ही मतदाता पात्रता संख्या स्वतः सक्रिय हो जाएगा। फ़र्ज़ी मतदाता पत्र एवं मतदान की स्थिति समाप्त हो जाएगा। जिससे एक सशक्त लोकतंत्र बनाया जा सकेगा।
- भारतीय पहचान संख्या के पुष्टि द्वारा प्रत्येक नागरिक का भूमि खाता संख्या बनाया जायगा जिसके अंतर्गत व्यक्ति के भूमि, मकान के सभी खाते का ब्यौरा रखा जायगा। इस प्रणाली से हर एक व्यक्ति का पारिवारिक साजरा स्वतः बनेगा जिससे परिवार के मुखिया के मृत्यु के बाद भूमि, मकान आदि का वरासत स्वतः हो जायेगा। जिससे भूमि के अधिग्रहण और फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर कोई कब्ज़ा या फर्जी मुकदमा दर्ज नहीं करा पायेगा। भूःमाफियओं और उनके द्वारा होने वाले फर्जीवाडे़ रोक लग सकेगा।
- इस प्रणाली से देश के लोगों का स्पष्ट आंकड़ा सरकार के पास होगा। सरकार अपनी सेवाओं और व्यवस्था पर पूर्ण नियंत्रण रख सकेगा। बेहतर योजनाओं का विकल्प तैयार कर सकेगी और सही व्यक्ति को लाभ दे सकेगी।
- देश में आने वाले घुसपैठियें द्वारा स्थानीय नेताओं और अधिकारयों को रूपये की लालच देकर अपना पहचान पत्र नहीं बनवा पाएंगे हैं। इस तरह फर्जी नागरिकता को रोका जा सकेगा। जिससे देश में आंतरिक खतरे को पूर्णतः रोका जा सकेगा।
- देश में गरीबी और अमीर लोगों के आंकड़े स्पष्ट होगें। देश में विभिन्न संप्रदाय के लोगों जैसे ( हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, सिख अन्य धर्म और जातियों ) का सही आँकड़ा होगा। देश के अनाथ और बेसहारा लोगों का सही आँकड़ा होगा।
- हाल ही में वर्तमान में संचालित पहचान पत्रों के आधार पर आधार कार्ड ( विशिष्ट पहचान पत्र) बनाया जा रहा है। जिनके पहचान पत्रों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, जो यह सिद्ध करता हो कि वह देश का नागरिक है। इस कारण से यह व्यक्ति का पहचान पत्र हो सकता है, लेकिन यह नागरिक की पहचान की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए यह नागरिकता का पहचान पत्र नहीं हो सकता है।
- देश में सरकारी, गैर सरकारी, प्राइवेट, एवं व्यावसायिक संस्थाओं का स्पष्ट आँकड़ा होगा। देश के रोजगार, बेरोजगार एवं स्वरोजगार लोगों का सही आँकड़ा होगा। देश में टैक्सपेई लोग है, और कितने उस दायरे में आ रहे है, उनका आँकड़ा स्पष्ट होगा।
- भारतीय पहचान संख्या होने के कारण किसी भी प्रकार के पंजीकरण के लिए आवेदन करना आसान हो जायेगा। फ़र्ज़ी पहचान के आधार पर पंजीकरण और आवेदन या नौकरी कर पाना सम्भव नहीं हो पायेगा। जनता को इस तरह की धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है।
भारतीय पहचान पत्र में सक्रिय लाभ:
देश के प्रत्येक नागरिक को पहचान संख्या के साथ कुछ लाभ सक्रिय किया जाएगा। जैसे : चिकित्सा लाभ, शिक्षा लाभ, जन्म और मृत्यु पर बीमा लाभ, बेटियों को जन्म से लेकर मृत्यु तक आर्थिक सहयता एवं सुरक्षा लाभ। जवान , किसान और मजदूरों को आर्थिक आधार पर लाभ और सहायता, बेरोजगार को सहायता और आर्थिक लाभ। पेंशन एवं यात्रा लाभ, आपदा लाभ, आवास लाभ आदि दिए जायेंगे।
- चिकित्सा लाभ के तहत १. ५ लाख तक सालाना आय करने वाले परिवार के २ बच्चों सहित 25 लाख तक का चिकित्सा लाभ दिया जायेगा। साथ ही परिवार के मुखिया माता या पिता की किसी भी दर्घटना द्वारा मृत्यु होने पर 15 लाख तक आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- शिक्षा लाभ: के तहत १. ५ लाख तक सालाना आय करने वाले परिवार के २ बच्चों को उच्च कक्षाओं तक निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान होगा।
- जन्म और मृत्यु पर आर्थिक एवं बीमा लाभ: इस लाभ के तहत भारत में जन्म लेने वाले देश के नागरिकों परिवार के २ बच्चों को ३ साल तक २००० रुपया आर्थिक (भरण-पोषण) लाभ दिया जायेगा। साथ ही बच्चे के जन्म के एक साल बाद चिकित्सा लाभ सक्रिए कर दिया जायेगा। याद रहे यह लाभ १. ५ लाख तक सालाना आय करने वाले परिवार को ही दिया जायेगा।
- बेटिओं को लाभ : हम बेटियों को पूर्ण सुरक्षा लाभ प्रदान करने वाले हैं। जिसके तहत प्रमुख तीन लाभ दिए जायेंगे।
- पहला: बेटी के जन्म के 21 साल बाद 21 लाख प्रदान किए जाएंगे।
- दूसरा: जीवन भर मुफ्त शिक्षा।
- तीसरा: आजीवन मुफ्त स्वास्थ्य लाभ (यह लाभ, 2.5 लाख रुपये तक सालाना कमाने वाले परिवार को दिया जाएगा)।
- जन्म के बाद सभी लाभ भारतीय पहचान संख्या पर सक्रिय होंगे।
- जवान , किसान और मजदूरों को आर्थिक आधार पर लाभ और सहायता : वर्तमान में इनकों लाभ देने के नाम पर राजनीती को समाप्त करना है। हमारी प्रणाली में शहीद हुए जवान, किसानो के फसलों का नुकसान और किसी भी कार्य के दौरान मृत्यु होने पर ४८ घंटे के भीतर आर्थिक सहयता उनके परिवार के खाते में भेजा जायेगा। जैसे :
- जवान को लाभ : देश के जवान और इंटेलिजेंस अफ़सर के शहीद होने पर १ करोड़ का आर्थिक लाभ उनके परिवार को दिया जायेगा। किसी भी लाभ को लेने के लिए उनके परिवार को सरकारी दफ्तरों के चककर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- किसान को लाभ : किसानो को कई तरह के लाभ दिए जायेंगे। इसके लिए हमारी कृषि नीति देखे।
- मजदूरों को लाभ : कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिवार वालों को १5 लाख का आर्थिक लाभ दिया जायेगा।
- बेरोजगार को लाभ : हमारी इस प्रणाली द्वारा देश के बेरोजगारों का डाटा उनकी योग्यता और आर्थिक स्थिति के साथ स्पष्ट होगा। हमारी पार्टी ने बेरोजगारों को रोजगार देने और स्वरोजगार में लाने के लिए तमाम विकल्पों को के आधार पर अपने समाधान बना चुकी है। जिसके लिए आप हमारी श्रम रोजगार नीति, युवा निति ,पारम्परिक व्यासाय नीति को पढ़े।
- अनाथ को लाभ : इस प्रणाली के लागू होने से देश के हर अनाथ, निसहाय, बेसहरा व्यक्ति को पूर्ण भरण-पोषण हेतु 3००० से 5000 रुपया प्रतिमाह २१ वर्ष तक दिया जायेगा। नौकरी में वरीयता दी जाएगी। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तक सरकार मदद करेगी।
- पेंशन एवं यात्रा लाभ : देश के आर्थिक रूप से व्यक्ति के आकड़े स्पष्ट होने से उन व्यक्तियों को ६० वर्ष उपरांत 5000 रुपया पेंशन लाभ दिया जायेगा। साथ ही उन्हें देश भर में भ्रमण करने के लिए निःशुल्क यात्रा लाभ दिया जायेगा।
- कर्मचारियों को लाभ : इस प्रणाली के लागू होने से सभी रिटायर्ड कर्मचारियों को मिलने वाले पेंशन एवं आर्थिक लाभ के लिए दफ़्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सेवानिवृत्त होने के साथ ही आर्थिक मदद उनके खाते त्वरित में भेजा जायेगा। जो टैक्स से बिलकुल मुक्त होगा।
- इस प्रणाली के लागू होने से चल-अचल भूमि आदि के आकड़े स्पष्ट होंगे। जिससे उन्हें बेचने और खरीदने की आसान प्रणाली होगी। फर्जी आधार पर खरीद – फरोख्त समाप्त होगा।
- आपदा लाभ : किसी प्रकार की आपदा जैसे भूकंप, आंधी-तूफान, बाढ़, महामारी आदि आने पर हम व्यक्ति को त्वरित पुष्टि कर सकेंगे और सही व्यक्ति को त्वरित लाभ प्रदान किया जा सकेगा।
- आवास लाभ: देश के पास व्यक्ति के आर्थिक आधार के अनुसार आकड़े होने से , हम बिना आवास वाले परिवार को आवास के लिए आर्थिक मदद त्वरित दे सकेंगे।
- इस प्रणाली के लागू होने से देश के दो बड़ी समस्याओं का अंत होगा। प्रथम : उपरोक्त सभी लाभ परिवार में २ बच्चों के होने पर दिए जायेंगे। इससे लोग स्वतः जनसंख्या नियंत्रण का पालन करेंगे। दूसरा: मतदाता के स्पष्ट आकड़े होने से और मतदान प्रणाली आसान होने पर। हम जनता को “राइट टू रिकॉल” का अधिकार दे सकते है। जिससे देश को योग्य नेतृत्व मिल सकेगा।
पहचान पत्र का स्वरूप और बनने की प्रक्रियाः प्रथमतः हमारी सरकार सर्वप्रथम MVC (Model View Controller) आधारित सुरक्षा मानकों के आधार पर कोड की लाइब्रेरी तैयार करवाकर अपना Framework तैयार कराएगी। इसी फ्रेम-वर्क का प्रयोग कर देश के सभी वेब एप्लीकेशन बनाये जायेंगे। जो सुरक्षा मापदण्डों के आधार पर होगा। जिसका संपूर्ण डाटा भारत के सर्वरों में सुरक्षित होगा। इस प्रणाली से सरकार एक जगह से ही व्यवस्था पर नियंत्रण रखने में सक्षम होगी। हमने एक ऐसी संरचना को तैयार किया है कि हम इस प्रणाली को एक वर्ष के भीतर ही संपूर्ण भारत में लागू कर सकेंगे ।