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मोटर वाहन लाइसेंस का आधुनिक प्रबंधन

मोटर वाहन प्रमाण पत्रः वर्तमान में, वाहन लाइसेंस ऑनलाइन प्रणाली द्वारा बनाने की शुरुआत हो चुकी है। इसके बावजूद भी इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार को सरकार समाप्त नहीं कर पा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण परीक्षण प्रणाली का प्रभावी न होना। यह तब तक ऐसा चलता रहेगा। जबतक स्थानीय कर्मचारी और अधिकारी कमीशन लेते रहेंगे। विभागीय परीक्षण अधिकारी रोड पर चलाने के वजय महज छोटे से पार्क में टेस्ट लेते है। और अधिकारी यातायात सम्बन्धी संकेतों का ऑनलाइन टेस्ट लेकर पास करते है। देश में  बढ़ती दुर्घटनाओं का अगर कोई जिम्मेदार हैं, तो यही विभाग है। 

जबकि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने और लोगों को जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर देती है।  फिर भी सरकार सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने में असमर्थ है? क्योंकि सरकार उन कारणों पर कोई ध्यान नहीं देती है, जिससे वह दुर्घटनाओं को रोक सके।

यह सब उचित प्रशिक्षण की कमी के कारण हो रहा है। जरा सोचिए, क्या  कुछ संकेतों की जानकारी और पार्क में ५० मीटर की टेस्ट द्वारा लाइसेंस प्रदान  करना उचित है। ऐसे में तो दुर्घटना होना स्वभाविक है। जहाँ यातायात नियमों का कोई पालन नहीं किया जाता है। ऐसे में हम पाते हैं कि चालक को नियमों के अनुसार, वाहन चलने की कोई जानकारी नहीं होता है। इन कारणों से आज सड़क दुर्घटनाएँ बढ़ रही हैं।

समाधान नीति 

भारत महापरिवार पार्टी इस समस्या का पूर्ण समाधान नीति प्रस्तुत कर रहा हुँ। हमारी प्रणाली में वाहन पंजीकरण, परीक्षण और लाइसेंस का पूर्ण प्रबंधन किया है। 

वाहन पंजीकरण: हमारी प्रणाली में भारतीय पहचान संख्या के पुष्टि-करण के उपरांत व्यक्ति वाहन ख़रीद सकेगा। यह बेहद ही आसान होगा। इस प्रणाली में वाहन वही ख़रीद सकेगा। जिसके पास वाहन का लाइसेंस होगा। 

वाहन परीक्षण एवं लाइसेंस  : हमने वाहन परीक्षण के लिए सिम्युलेटर प्रणाली द्वारा शहर व महानगर, प्रदेश की राजधानी , भारत की राजधानी और पहाड़ी  सड़कों के रोड मैप के अनुसार टेस्ट प्रणाली को विकसित किया है। प्रत्येक टेस्ट में ५ एग्जामिन स्टेप को पूरा करना अनिवार्य होगा। इस टेस्ट को परीक्षण पास होने तक व्यक्ति बार-बार दिया जा सकता है।  

हमने  सिम्युलेटर द्वारा परीक्षा को आसान बनाने के लिए जगह-जगह  सिम्युलेटर केंद्र खोलने का प्रावधान लाया है। जिसके तहत मोटरबाइक, कार, बस व ट्रक, मालवाहक छोटी-बड़ी गाड़ी, कंस्ट्रक्शन वाहन आदि का सिम्युलेटर सेण्टर खोला जायेगा। 

हम परीक्षा लेने के लिए एक ऐप जारी करेंगे। जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल से वाहन परीक्षण के लिए आवेदन कर सकता है। जिसे एक अस्थायी नंबर मिलेगा। इस टेंपरेरी नंबर के जरिए व्यक्ति किसी भी सिमुलेटर सेंटर पर टेस्ट दे सकेगा।

टेस्ट पास होने के उपरांत व्यक्ति को शहर स्तर का लाइसेंस संख्या प्राप्त होगा। यह संख्या व्यक्ति के पंजीकृत मोबाइल और ईमेल पर भेजा जायेगा। इस संख्या का प्रयोग जिला के भीतर वाहन चालाने के लिए कर सकेगा है। यह संख्या होने पर ही व्यक्ति वाहन ख़रीद सकेगा।

स्थाई लाइसेंस संख्या के लिए राजधानी और पहाड़ी सड़क के रोड मैप के अनुसार टेस्ट पास करना अनिवार्य है। तभी स्थाई लाइसेंस संख्या सक्रिय होगा। 

सिम्युलेटर परीक्षण नियमावली देखे।

क्या है सिम्युलेटर ड्राइव टेस्ट : सिम्युलेटर एक प्रकार की मशीन है।  जिसे मोटर गेम  की तरह चलाया जाता है। इस मोटर गेम में हम बाहरी मशीन जैसे: बाइक, कार, बस आदि के हूबहू टूल के साथ चलाते है। जिसे एक स्क्रीन के रोड मैप पर चलाया जाता है। इसमें आपको ऐसा अहसास होगा कि आप उसे वास्तविकता में चल रहे है। यह दो पहिया, चार पहिया, ट्रक, बस आदि सभी गाड़ियों के सिम्युलेटर मशीन आते है। इसमें गाड़ी से संबंधित इंडिगेटर, सेफ्टी बेल्ट, वाइपर, डिपर, क्लच ब्रेक सहित चलाने की सारी सुविधाएँ हूबहू होती हैं।

सिम्युलेटर परीक्षण नियमावली : संबंधित विभाग एक एप्लीकेशन जारी करेगा। जिसके अंतर्गत व्यक्ति स्वम् के मोबाइल से वाहन लाइसेंस का आवेदन कर सकेगा। आवेदन उपरांत व्यक्ति के मोबाइल पर एक टेम्परोरी नंबर प्राप्त होगा। जिसे आवेदन-कर्ता किसी भी सिम्युलेटर सेंटर पर टेम्परोरी नंबर कंप्यूटर द्वारा पुष्टि करा कर परीक्षण दे सकता है।

परीक्षण प्रक्रिया 4 प्रकार का होगा और हर एक परीक्षण के 5 चरण होंगे। जो इस प्रकार से होगा :-

प्रथम, जिला एवं महानगर स्तर ( ज़िले का रोडमैप के अनुसार परीक्षण).

दूसरा, प्रदेश स्तर ( इसके अंतर्गत प्रदेश की राजधानी के लिए रोडमैप का परीक्षण ).

तीसरा, राष्ट्रीय स्तर ( देश के चार महानगर दिल्ली, बम्बई, चेन्नई, कोलकाता के रोडमैप का परीक्षण ).

चौथा, पहाड़ी स्तर ( पहाड़ों के रोड मैप के अनुसार परीक्षण ).

इस प्रकार जिला स्तर का 80 प्रतिशत, प्रदेश स्तर 90  प्रतिशत और देश स्तर का 100 प्रतिशत यातायात नियमों के अनुसार पास होने की दशा में ही प्राप्त होगा। परीक्षण प्राप्त होने के उपरांत आवेदनकर्ता के मोबाइल पर लाइसेंस नंबर स्वतः आ जायेगा। व्यक्ति को परीक्षण प्रक्रिया का चरण चुनने का पूर्ण अधिकार दिया जायेगा।

यातायात वाहन जाँच प्रक्रिया : इस प्रणाली में जाँच अधिकारी स्वयं के मोबाइल द्वारा चालक का वाहन संबंधित सभी पुष्टि कर सकेगा। इस मामले में चालक को वाहन के साथ, किसी प्रकार का पेपर लेकर चलने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इस तरह जाँच अधिकारी के मनमाने चालान से लोगों को मुक्ति मिलेगी। इस प्रकार इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त होगा।

वाहन रिफरल प्रणाली : भारत देश में एक ही वाहन के कई लोग ड्राइवर होते है।  इस प्रणाली के अंतर्गत वाहन मालिक आसानी से चालक जोड़ सकता है। जिससे वह  वाहन का प्रयोग कर सकेगा। इस प्रणाली में लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति को ही जोड़ा जा सकेगा। इस प्रकार जाँच अधिकारी त्वरित पुष्टि द्वारा वाहन मालिक और चालक की पुष्टि कर सकेगा।

सिम्युलेटर लाइसेंस प्रणाली द्वारा रोजगार  : यह लाइसेंस 2.5 लाख सालाना कमाने वाले परिवार को दिया जायेगा तथा जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी न करता हों। 1.5 लाख सालाना कमाने वाले परिवार को वरीयता (सिम्युलेटर मशीन के लिए 60 प्रतिशत अनुदान) दिया जायेगा। योग्यता का मानक मध्य्मिक शिक्षा स्तर के साथ कंप्यूटर डिप्लोमा अनिवार्य है।

भारत के समस्त ब्लॉक एवं तहसीलों पर सिम्युलेटर सेण्टर दिया जायेगा। इस प्रकार भारत में कुल १ लाख से अधिक स्थाई रोजगार की संभावनाएं बनेंगी।

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