वर्तमान में सरकार द्वारा राशन कार्ड की प्रणाली को आधुनिक बनाया गया है। राशन कार्ड का डिजिटलीकरण तो हो गया है। लेकिन इसे बनाने की प्रणाली स्थानीय है, जिसका कोई मापदंड नहीं है। इस तरह देखा जाये, तो यह पुरानी जैसी व्यवस्था पर ही आधारित है। ऐसे में राशन कार्ड दिए जाने की प्रक्रिया पहले जैसी ही है। अगर आज भी इसकी जांच की जाये। तो पाएंगे कि कुछ लोग अमीर होते हुए भी, गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनवा रखे है। ऐसे परिवार भी हैं, जिनके घर ग्रामीण और शहरी इलाकों में हैं, वे दो-दो स्थानों पर राशन कार्ड बनवाये हुए हैं। अभी भी इसमें व्यप्त ख़ामियों की वजह से स्थानीय प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी बिना कोई ठोस मूल्याँकन के व्यक्ति के गरीबी और अमीरी का पुष्टि करण कर देते है, और पैसे लेकर इसे जारी कर देते है। जब सरकार ने ही भ्रष्टाचार करने के रास्ते बना रखे है, तो समस्याओं के समाधान कैसे हो सकता है ?
समाधान नीति
हमारी सरकार नागरिक के आर्थिक मामलो से जुड़े सभी स्थितियों का स्पष्ट मूल्यांकन करने ले लिए, आर्थिक मामलों के मंत्रालय का गठन करेगी। जिसका मुख्य काम देश के हर नागरिक के आर्थिक स्थिति ज्ञात करना और उसकी मॉनिटरिंग करना। जिसके लिए हमने एक प्रणाली को विकसित किया है।
हमने आर्थिक आधार पर गरीबी और अमीरी का नया मानक तय किया है। हमने 1.5 लाख सालाना आय करने वाले परिवार को गरीबी रेखा के नीचे रखा है। और २ लाख सालाना आय करने वाले परिवार को गरीबी रेखा में रखा जायेगा। इस प्रकार २ लाख से 3 लाख तक सालाना कमाने वाले परिवार को माध्यम श्रेणी में रखा जायेगा और ३ लाख से ऊपर कमाने वाले परिवार को अमीरी रेखा में रखा जायेगा। इन आधारों पर परिवार के मुखिया के नाम से एक गरीबी राहत संख्या (Poverty Relief Number) बनाया जायेगा।
गरीबी राहत संख्या पर कई तरह के लाभ सक्रिय किये जायेंगे। यह लाभ १.५ लाख सालाना आय करने वाले परिवार को ही दिया जायेगा और यह केवल परिवार में दो बच्चे होने पर ही मान्य होगा । जैसे :
खाद्य वस्तुओं : सभी खाद्यान सामग्री पर 60 प्रतिशत तक छूट दिया जायेगा।
कृषि सामग्री : कृषि कार्य हेतु जो भी सामग्री उपयोग में लिया जाता है, उनमे भी 60 प्रतिशत तक छूट दिया जायेगा। जो पूर्णतः कर मुक्त होगा।
चिकित्सा : चिकित्सा हेतु २५ लाख तक का स्वस्थ्य लाभ दिया जायेगा। जो देश के किसी भी चिकित्सालय में मान्य होगा।
दवाओं : महंगे दवाओं में ५० प्रतिशत तक छूट दिया जायेगा और सामान्य दवा निःशुल्क दिए जाएँगे।
शिक्षा : सभी के लिए शिक्षा अनिवार्य होगा। उच्च स्तर तक की सभी शिक्षा निःशुल्क दिया जायेगा।
यात्रा टिकट : कही भी आने-जाने के लिए ट्रेन और बसों के टिकट में ४० प्रतिशत तक छूट दिया जायेगा।
नौकरियों में आरक्षण : वैसे मैं आरक्षण को समाप्त करने में विश्वास रखता हूँ। लेकिन जबतक देश के लोगो की शिक्षा और आर्थिक स्थिति सामान्य नहीं हो जाता तब तक हम आरक्षण देंगे। लेकिन हमारा यह आरक्षण आर्थिक आधार पर होगा।
विद्युत लाभ : निःशुल्क विद्युत कनेक्शन और विल में छूट दिया जायेगा। छूट की पूरी जानकारी के लिए विद्युत प्रबंधन नीति पढ़े।
गैस कनेक्शन लाभ : निःशुल्क गैस कनेक्शन के साथ गैस मूल्य में ५० प्रतिशत की छूट दिया जायेगा।
आपदा : किसी प्रकार की आपदा आने के कारण होने वाले नुकसान के लिए आर्थिक सहयता का प्रावधान होगा। यह लाभ सभी वर्ग के लोगों को दिया जायेगा।
आवास लाभ : भारतीय पहचान संख्या से इस बात की पुष्टि स्पष्ट होगा कि किन लोगो के पास आवास है या नहीं। ऐसे लोग जिनके पास जमीन तो है लेकिन आवास नहीं है, उन्हें आवास बनाने तक का पूरा खर्च दिया जायेगा। और जिनके पास कुछ भी नहीं है उन्हें हमारी सरकार द्वारा आवास बनाकर दिया जायेगा।
विवाह हेतु आर्थिक मदद : जैसा मैंने उक्त में कहा है कि बच्चियों की पूर्ण सुरक्षा के लिए हमने हर एक बच्ची के २१ वर्ष पूरा होने पर २१ लाख रुपया का आर्थिक लाभ दिया जायेगा।
यह सभी लाभ स्वत ही भारतीय पहचान संख्या से जुड़ते रहेंगे। जिसके लिए किसी को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस प्रणाली में अमीरी रेखा का व्यक्ति भी जैसे ही व्यक्ति गरीबी रेखा के मानक में आएगा। वैसे ही व्यक्ति को गरीबी राहत संख्या स्वतः सक्रिय हो जायेगा।
यह प्रणाली में हमने आर्थिक मानक की एक तकनीकी को विकसित किया है। जिससे हर व्यक्ति की प्रतिदिन की आय और व्यय को मॉनिटर करेगी। जिससे हर नागरिक का एक आर्थिक डाटा तैयार होगा। नागरिक के गरीबी मानक में आने से यह संख्या स्वतः सक्रिय होगा।
इस प्रणाली में राशन कार्ड पुस्तिका नहीं दिया जायेगा। या यूँ कहे कि यह प्रणाली पूरी तरह से परवर्तित कर दिया जायेगा। यह संख्या परिवार के मुखिया के साथ परिवार के अन्य लोगों की भी त्वरित पुष्टि करेगा। इस तरह दिए जाने वाले तमाम लाभ पूरा परिवार ले सकेगा।
इस प्रकार राजनीतिक दलों द्वारा छूटे वादों की राजनीति का अंत होगा। स्थानीय लूट और मतभेद समाप्त होंगे। नागरिक सरकारी चक्करों से मुक्त होगा। तथा इनमें व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त होगा।