भारत महापरिवार पार्टी में आपका स्वागत है
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सदस्य नीति

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अनुच्छेद (1) पार्टी का नाम :- भारत महापरिवार पार्टी अनुच्छेद (2) (क) पार्टी के उद्देश्य एव लक्ष्यः

  1. पार्टी की भारत के संविधान में सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा है। पार्टी भारतीय लोकतंत्र, धर्म निरपेक्षता और राष्ट्रवाद में आस्था एवं विश्वास रखेगी। पार्टी का विश्वास ऐसी राजनीतिक व्यवस्था में है जिसमें आर्थिक एवं राजनैतिक सत्ता का विकेन्द्रीकरण निश्चित रूप से हो, पार्टी संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकों के मूल अधिकारों एवं कर्तव्यों को मान्यता प्रदान करती है। शान्तिमय एवं लोकतान्त्रिक तरीकों से विरोध प्रकट करने के अधिकार एवं सत्याग्रह भी इसमें सम्मिलित है।
  2. पार्टी धर्म निरपेक्ष राज्य की अवधारणा को स्वीकार करती है तथा धर्म पर आधरित राज्य पर आस्था रखने वाले किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन का विरोध करती है। भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त समान अवसर के सिद्धान्त में पार्टी का अटूट विश्वास है।
  3. पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा बनाये रखेगी तथा उनमें सन्निहित राष्ट्रवाद, धर्म निरपेक्षता एवं प्रजातंत्र के सिद्धान्तों के प्रति प्रतिबद्ध रहेगी।
  4. पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथ-निरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखेगी तथा भारत की प्रभुता, एकता व अखण्डता को अक्षुण्ण रखेगी।

अनुच्छेद (3) सदस्यताः-

  • (क) 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक जो दल के संविधान की अनुच्छेद 2 को स्वीकार करता हो 10/- रूपया वार्षिक शुल्क देकर दल का प्रारम्भिक सदस्य बन सकेगा। शर्त यह है कि वह अन्य किसी राजनीतिक दल का सदस्य न हो। यदि किसी अन्य राजनितिक दल का सदस्य इस पार्टी का सदस्य बनना चाहता है तो उसे ऐसे राजनितिक दल को उसके द्वारा दिये गये त्यागपत्र/इस्तीफे की कापी दल के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरान्त ही उसकी सदस्यता पर विचार किया जा सकेगा। दल की सदस्यता पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नही होगा तथा किसी भी व्यस्क भारतीय नागरिक के लिये सदस्यता खुली रहेगी।
  • (ख) जो प्रारम्भिक सदस्य कम से कम 25 प्रारम्भिक सदस्यों की भर्ती करे और उनका 250/-रू सदस्यता शुल्क जमा करे, वह दल का सक्रिय सदस्य होगा।
  • (ग) सदस्यता का र्काकाल एक वर्ष होगा जो पहली अप्रेल से प्रारम्भ होकर दूसरे वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होगा।
  • (घ) सदस्यता शुल्क विभिन्न इकाइयों में इस प्रकार बाँटा जायेगा। जो क्रमवार होगाः-
    1. राष्ट्रीय कार्यकारिणी 25 प्रतिशत
    2. राज्य कार्यकारिणी 25 प्रतिशत
    3. जिला/नगर निगम/नगर पालिका कार्यकारिणी 25 प्रतिशत
    4. विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी 25 प्रतिशत
  • सदस्यता का पूरा शुल्क संबंधित राज्य कार्यालय में जमा किया जायेगा, जहाँ से दल के नये चुनाव के बाद उपरोक्त वर्णित व्यवस्थानुसार वितरित होगा।
  1. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी प्रतिवर्ष रू 6000/-
  2. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रतिवर्ष रू 3000/-
  3. राज्य के पदाधिकारी प्रति वर्ष रू 3000/-
  4. राज्य कार्यकारिणी, नगर निगम कार्यकारिणी, नगर पालिका कार्यकारिणी के पदाधिकारी प्रतिवर्ष रू 600/-
  5. जिला कार्यकारिणी, नगर निगम कार्यकारिणी, नगर पालिका, टाउन एरिया, विधान सभा क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य प्रतिवर्ष रू 300/- पार्टी कोष में जमा करेंगे। पार्टी द्वारा निष्चित अवधि के अन्दर निर्धारित शुल्क जमा न करने वाले सदस्यों/पदाधिकारियों की कार्यसमिति से सदस्यता स्वतः समाप्त हो जायेगी।
  6. प्रारम्भिक सक्रिय सदस्य कि न्यूनतम योग्यता माध्यमिक स्तर की होगी। जिसके उपर किसी भी प्रकार का अपराधिक मुकदमा सिद्ध न हुआ हो। वही व्यक्ति स्थानीय इकाईयों में पद/दायित्व के लिए चयन किया जा सकेगा।

अनुच्छेद (4) (क) सदस्यों की सूचीः-

  1. जिला स्तर पर प्रारम्भिक एवं सक्रिय सदस्यों की सूची जिला अध्यक्ष की देख-रेख में अलग-अलग रजिस्टर में तैयार की जाएगी। जिला अध्यक्ष एवं महासचिव दोनों के हस्ताक्षरों से सक्रिय सदस्यों की सूची राज्य कार्यकारिणी को भेजी जाएगी।
  2. बोगस या फर्जी सदस्यता की लिखित शिकायत यदि तथ्यों के साथ जिला अध्यक्ष या प्रदेश अध्यक्ष अथवा राष्ट्रीय अध्यक्ष से की जाती है जो जिला अध्यक्ष अपने स्तर से जॉच कराके रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को भेजेगा अथवा प्रदेश अध्यक्ष स्वयं या राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार जिस तरह से उचित समझे, इसकी जॉच करायेगा। यदि जॉच से यह सिद्ध हो जाता है कि सदस्यता बोगस है तो बोगस सदस्यता प्राप्त करने वाला व्यक्ति किसी भी पद के लिय अयोग्य समझा जायेगा। प्रदेश अध्यक्ष के निर्णय के खिलाफ अपील राष्ट्रीय अध्यक्ष के यहाँ की जा सकेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं या किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा इसकी सुनवाई करा सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्ण अंतिम एवं बाध्यकारी होगा।
  3. सदस्यता सूची में सदस्य का नाम, स्थायी पता, भर्ती का तिथि तथा सदस्यता फार्म का क्रमांक अंकित किया जाएगा।

सदस्यता की समाप्ति एवं निलंबन

  1. मृत्यु होने पर, त्यागपत्र देने पर, पार्टी से निष्कासित किये जाने, किसी अन्य राजनैतिक दल से जुड़ने पर सदस्यता समाप्त हो जायेगी।
  2. सदस्यां का निलंबन:
    1. किसी भी सदस्य के उपर अनुशासनात्मक कार्यवाही लम्बित होने पर सदस्य को निलंबित किया जा सकता है।
    2. फर्जी सदस्यता को लिखित शिकायत यदि तथ्यों के साथ जिलाध्यक्ष या प्रदेश अध्यक्ष अथवा राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा जायेगा अथवा प्रदेश अध्यक्ष स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार जिस तरह से उचित समझे इसकी जांच करायेगा। यदि जांच से यह सिद्ध हो जाता है कि सदस्य फर्जी है तो सदस्यता करने वाला व्यक्ति किसी भी पद के लिए अयोग्य समझा जायेगा। प्रदेश अध्यक्ष के निर्णय के खिलाफ अपील राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं या किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा सुनवाई कर सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय अन्तिम एवं बाध्यकारी होगा।

अनुच्छेद (5) संगठनात्मक ढॉचाः- पार्टी के निम्नलिखित अंग होंगे।

  1. राष्ट्रीय संगठन
    1. राष्ट्रीय सम्मेलन
    2. राष्ट्रीय कार्यकारिणी
    3. केन्द्रीय संसदीय बोर्ड
  2. राज्य/प्रान्तीय संगठन
    1. राज्य सम्मेलन
    2. राज्य कार्यकारिणी
    3. राज्य संसदीय बोर्ड
  3. जिला स्तरीय संगठन
    1. जिला सम्मेलन
    2. जिला कार्यकारिणी
  4. नगरीय संगठन
    1. नगर निगम सम्मेलन एवं नगर निगम कार्येकारिणी
    2. नगर पालिका सम्मेलन एवं नगर पालिका कार्यकारिणी
  5. विधानसभा क्षेत्र स्तरीय संगठन
    1. विधानसभा क्षेत्र स्तरीय संगठन
    2. विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी
  6. प्रारम्भिक समिति
    1. संरक्षक समिति
    2. सहायक संगठन

अनुच्छेद (8) सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया तथा नमांकनः-

  • दल के सभी शीर्ष स्तरीय समितियों तथा प्रतिनिधि निकायों, प्रत्येक कार्यकारिणी, प्रत्येक समिति का गठन लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से होगा। तथा ऐसे निकायों का चुनाव होने की अवधि तक उनका नामांकन अधिकतम एक वर्ष की अवधि तक के लिए हो सकेगा। तथा ऐसा नामांकन, समिति/निकाय की कुल संख्या के एक तिहाई से अधिक नही हो सकेगा।
    1. प्रारम्भिक समिति का क्षेत्र एक मतदान केन्द्र होगा।
    2. इस संविधान में उल्लिखित राज्य शब्द में केन्द्र शासित क्षेत्र भी शामिल होगा।
    3. 3 लाख से ज्याद आबादी वाले नगरों के संगठन को इस संविधान के अर्न्तगत पृथक जिला स्तरीय संगठन माना जायेगा।
    4. प्रारम्भिक समिति का गठन केवल वही हो सकेगा, जहाँ एक मतदान केन्द्र के प्रत्येक बूथ पर कम से कम एक सक्रिय सदस्य हो। सक्रिय सदस्यों की सूची में से ही प्रारम्भिक समिति का अध्यक्ष विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी द्वारा मनोनीत किया जायेगा।
    5. 25 प्रारम्भिक सदस्यों पर प्रारम्भिक समिति अध्यक्ष सहित सात सदस्यी और 25 से ज्यादा सदस्य होने पर अध्यक्ष सहित ग्यारह सदस्यीय होगा। जिनका चुनाव प्रारम्भिक सदस्यां द्वारा किया जायेगा।
    6. नगर पंचायत के प्रत्येक वार्ड को प्रारम्भिक समिति माना जायेगा।